लंका काण्ड दोहा 78
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चौपाई :तिन्हहि ग्यान उपदेसा रावन। आपुन मंद कथा सुभ पावन॥पर उपदेस कुसल बहुतेरे। जे आचरहिं ते नर न घनेरे॥1॥ भावार्थ:- रावण ने उनको ज्ञान का उपदेश किया। वह स्वयं तो नीच है, पर उसकी कथा (बातें) शुभ और पवित्र हैं। दूसरों को उपदेश देने