सुंदरकाण्ड दोहा 02
Filed under:
Sunderkand
चौपाई :जात पवनसुत देवन्ह देखा। जानैं कहुँ बल बुद्धि बिसेषा॥सुरसा नाम अहिन्ह कै माता। पठइन्हि आइ कही तेहिं बाता॥1॥भावार्थ:- देवताओं ने पवनपुत्र हनुमान्जी को जाते हुए देखा। उनकी विशेष बल-बुद्धि को जानने के लिए (परीक्षार्थ) उन्हों